चीन-भारत व्यापार: भारत और चीन के बीच व्यापार में सुस्ती आ रही है। दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव है, लेकिन दोनों देशों के बीच शांति बनी हुई है। वहीं, चीन और भारत के व्यापार के आधिकारिक आंकड़ों में गलती हुई है। वास्तव में, चीन और भारत ने अपने-अपने आयात-निर्यात के विवरण साझा किए हैं। इससे पता चलता है कि व्यापारी कम रकम दे रहे हैं।
एक्रेयेस रिपोर्ट: म्यूटलार्ट म्यूट ज़को जेन लम वानने वाले पाक में पैसे डेज़र किये जा रहे हैं। 2023 के मशेष म्हाने म्हने से भिरत सरो चरे छे अगु कन्तर बातत अफा हे। जबकि पिछले वर्ष की अवधि 1 थी, इस वर्ष यह अंतर बढ़कर 15.47 बिलियन डॉलर हो गया है। यह अच्छा था।
ऐसा करने के लिए कम चालान होते हैं। यह कहना आसान है कि अंडर-इनवॉइसिंग वह प्रक्रिया है जिसमें आयात का घोषित मूल्य बहुत कम घोषित किया जाता है ताकि विदेश से आयातित वस्तुओं पर कर न लगाया जाए। भारत और चीन के व्यापारी
सरकार चालान के कम मामलों को जानती है
वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि भारतीय आयातक कम बिलिंग कर रहे हैं। मंत्रालय ने कहा कि राजस्व विभाग (वित्त मंत्रालय के अधीन) ने इस मामले को उठाया था। राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) और सीमा शुल्क ने अपना अनुमान जनवरी से नवंबर 2022 तक घटाकर 6 कर दिया है। इन मामलों की जांच अभी भी जारी है।
Министерство ने इस बात पर जोर दिया कि कम चालान को रोकने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। इसमें कस्टम, DRI और निरंतर निगरानी, अलर्ट और सर्कुलर शामिल हैं। ऐसे मामलों का पता चलने पर भी सही कानूनी कार्रवाई की जाती है। वाणिज्य मंत्रालय ने भी कई कारणों से बिजनेस डेटा में अंतर बताया है।